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प्यासी औरत

3.6
119

प्यासी औरत - ----------------- तू डाल डाल , मैं पात पात , फिर भी नहीं बनती कोई बात । मैं प्यासी आती तेरे पास , तू जाता मुझसे दूर ही रात ।। मैंने प्यार किया है तुझसे ही , तू अनजान बनता मुझसे ही । ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा - M.A (sociology) , osmania university सारस्वत सम्मान - विद्यावाचस्पति " भारत गौरव " उपाधि प्राप्त पांच पुस्तकों के लेखक मेरा हैदराबाद में ही निवास है । ईश्वर ने हमे प्रकृति दी , हमे इस पृथ्वी पर भेजा । क्यों नहीं हम , इस प्रकृति सम्मत जीवन का पूर्ण आनद ले ? शब्दों की अभिव्यक्ति ही , इंसान की पहचान बनाती है ।

समीक्षा
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  • author
    jayshankar prasad
    02 अगस्त 2020
    प्रेम में वशीभूत प्रेमिका का अपने प्रेमी के लिए तड़प एवं समर्पण को दर्शाती बहुत हीं सारगर्भित विचारों से परिपूर्ण अभिव्यक्ति है आपकी । बहुत हीं बेबाक़ एवं खुलें मन से अपनी भावनाओं को व्यक्त करती सच्ची अभिव्यक्ति की प्रस्तुति है इसमें आनंद कीं अनुभूति होती है, साथ ही रोमांटिक अभिव्यक्ति की प्रस्तुति है
  • author
    Vinita Tripathi
    02 अगस्त 2020
    nice
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    jayshankar prasad
    02 अगस्त 2020
    प्रेम में वशीभूत प्रेमिका का अपने प्रेमी के लिए तड़प एवं समर्पण को दर्शाती बहुत हीं सारगर्भित विचारों से परिपूर्ण अभिव्यक्ति है आपकी । बहुत हीं बेबाक़ एवं खुलें मन से अपनी भावनाओं को व्यक्त करती सच्ची अभिव्यक्ति की प्रस्तुति है इसमें आनंद कीं अनुभूति होती है, साथ ही रोमांटिक अभिव्यक्ति की प्रस्तुति है
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    Vinita Tripathi
    02 अगस्त 2020
    nice