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Pyara Dost

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देखता हु तुछे .दिल मानता नही. तुझे ना देखु तो ,दिल मानता नही, ईसमे कसुर मेरा नही दिलका हे. ऐ मेरे दोसत ,तू ऐसे ही रेहना. कसुर कुदरत का हे. ना तु मेरा दोसत होता,ना मे तुमहारा. कयुँ की तु पयारा दोसत हे ...

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लेखक के बारे में
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Dipak Sawad

Likhne ki koshish karta hu.Kuchh achchha likhu bas yahi tamanna hai..

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Balram Soni
    16 సెప్టెంబరు 2021
    बहुत ही शानदार रचना आपकी🌹🌹 जय श्री राधे कृष्णा🙏🌹🌹
  • author
    16 సెప్టెంబరు 2021
    बहुत सुन्दर रचना
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    Balram Soni
    16 సెప్టెంబరు 2021
    बहुत ही शानदार रचना आपकी🌹🌹 जय श्री राधे कृष्णा🙏🌹🌹
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    16 సెప్టెంబరు 2021
    बहुत सुन्दर रचना