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प्यार मरता नहीं है, सुधाजी

4.4
14869

तब इतनी गरीबी भी नहीं थी घर में कि मुझे काम करने के लिए जाना पड़ता लेकिन न जाने मुझे क्यों एैसा लगा करता कि मुझे भी घर में कुछ सहयोग करना चाहिए। हालांकि बड़े भैया हमेशा यही कहा करते, ‘नरेश को काम नहीं करना चाहिए उसे तो जो वह पढ़ाई कर रहा है उसी में मन लगाए और बड़ा आदमी बने। अगर वह बड़ा आदमी बन गया तो समझो समाज में हमारा कितना नाम होगा।‘ और फिर अम्मा से जिद़ करने लगते, ‘अम्मा समझाओ न तुम उसे, वह इन सब कामों को छोड़कर अपना पूरा मन पढ़ाई में लगाए। मैं कहता हूं तो हंस कर दिखा देता है।‘ अम्मा ने ...

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लेखक के बारे में
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डॉ0 पूरन सिंह
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Renu Vijh
    06 दिसम्बर 2018
    रचना सुंदर है बांधे रखती है मेहनत और प्यार दोनो का मूल्य भी उल्लखित करती है पर अंत कुछ अधूरा सा लगता है
  • author
    Anamika suman "Anna"
    10 अगस्त 2018
    pyar milta hi nahi
  • author
    01 अक्टूबर 2017
    बहुत ही हृदय स्पर्शी। अधूरे प्रेम के अप्रत्यक्ष पूर्णता की अद्भुत कहानी। नमन आपको। अलग ही दुनिया में पहुंचा दिया था आपने
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    Renu Vijh
    06 दिसम्बर 2018
    रचना सुंदर है बांधे रखती है मेहनत और प्यार दोनो का मूल्य भी उल्लखित करती है पर अंत कुछ अधूरा सा लगता है
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    Anamika suman "Anna"
    10 अगस्त 2018
    pyar milta hi nahi
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    01 अक्टूबर 2017
    बहुत ही हृदय स्पर्शी। अधूरे प्रेम के अप्रत्यक्ष पूर्णता की अद्भुत कहानी। नमन आपको। अलग ही दुनिया में पहुंचा दिया था आपने