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प्यार मांगा है तुम्हीं से

4.3
12994

मीनाक्षी ने दरवाजे पर पहुंचकर एक बार किचन की तरफ देखा। मम्मी ने चूल्हे पर कुकर रख दिया था और अब लाइटर ढूंढ रही थी। 'चलो, आज तो किसी तरह जान बच गई। लेकिन, ऐसे कब तक चलेगा? इसका अब कोई परमानेंट जुगाड़ ...

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समीक्षा
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  • author
    Malik Jee
    16 सितम्बर 2017
    पहली बात तो ये सर कि मुजफ्फरनगर नही मुजफ्फरपुर होगा। मैं खुद इस शहर में 6 वर्ष से रह रहा हूँ। मुझे नही पता कि आप कहाँ के हैं ! फिर भी आपसे मिलना चाहूँगा। बिलकुल सही लिखा है आपने। लव जिहाद पुरे हिन्दू समाज को बर्बाद कर रहा है। और ये तथाकथित मानवाधिकारवादी तो पुरे देश के लिए खतरा बने हुए हैं।
  • author
    कहानी Café
    06 जून 2017
    बहुत सारी बातें एक ही कहानी में क्यों? स्टाइल और शब्दों का चयन अच्छा, लेकिन कहानी फिर भी बाँध नहीं पाई अंत तक
  • author
    Ravi Kant Trivedi
    06 जून 2017
    भाई जी आपने तथाकतिथ बुद्धिजीवी लोगो को अच्छे से टारगेट किया
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    Malik Jee
    16 सितम्बर 2017
    पहली बात तो ये सर कि मुजफ्फरनगर नही मुजफ्फरपुर होगा। मैं खुद इस शहर में 6 वर्ष से रह रहा हूँ। मुझे नही पता कि आप कहाँ के हैं ! फिर भी आपसे मिलना चाहूँगा। बिलकुल सही लिखा है आपने। लव जिहाद पुरे हिन्दू समाज को बर्बाद कर रहा है। और ये तथाकथित मानवाधिकारवादी तो पुरे देश के लिए खतरा बने हुए हैं।
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    कहानी Café
    06 जून 2017
    बहुत सारी बातें एक ही कहानी में क्यों? स्टाइल और शब्दों का चयन अच्छा, लेकिन कहानी फिर भी बाँध नहीं पाई अंत तक
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    Ravi Kant Trivedi
    06 जून 2017
    भाई जी आपने तथाकतिथ बुद्धिजीवी लोगो को अच्छे से टारगेट किया