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प्यार की मस्ती (दोहे)

4.7
53

१. नैनो की मस्त मदिरा, मन में भरा उल्लास। यही समय अनुकूल है, प्रिया हमारे पास।। ।। २. तकता रहूं मैं तुम्हें, सारी सारी रात जैसे चंदा को तकता, वीरही पूरी रात।। ।। ३. तेरे नूपुर की झंकार, करें ...

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लेखक के बारे में
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Bina Jain

सेवा निवृत प्रधानाचार्य हूं‌। साहित्यिक अभिरुचि के कारण सन् २००‌० से विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। 'अहिंसा आज भी प्रासंगिक है' २५६ प्रष्ठ की एक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sneha
    27 अगस्त 2019
    बहुत खूब फरमाया आपने 👌👌
  • author
    🙂Noor Afreen parveen
    10 जुलाई 2022
    it's fantastic
  • author
    Mohita Sharma
    07 नवम्बर 2019
    very nice
  • author
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  • author
    Sneha
    27 अगस्त 2019
    बहुत खूब फरमाया आपने 👌👌
  • author
    🙂Noor Afreen parveen
    10 जुलाई 2022
    it's fantastic
  • author
    Mohita Sharma
    07 नवम्बर 2019
    very nice