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प्यार के पल

4.6
559

कभी तुम्हारी चुड़ियों की खनक से सुबह होती थी, जब तुम चाय लिए हाथ में मुझे डान्ट कर जगाने आती थी। बड़े नखरे किये मैनें उठने में, हर रोज तुम परेशान होती थी। बड़ा अच्छा दिन गुजरता, जब सुबह-सुबह तुम ...

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लेखक के बारे में
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वर्मन गढ़वाल

मैं सत्य और कल्पना के मिश्रण से भविष्य की संभावना लिखता हूँ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Meena Bhatt.
    27 अप्रैल 2019
    वर्मन जी सबसे से पहले बहुत-बहुत शुभकामनाएं।लगता यह रचना आप ने दादा-दादी, नाना-नानी को समर्पित की है।आप की कहानी का ग्राफ़ काफी ऊपर जाता है।माँ सरस्वती का आशीर्वाद हमेशा बना रहे।
  • author
    Yogesh motivational video
    28 मई 2023
    आपका अनुभव अत्यंत रोचक और सराहनीय कविता में धड़कन सामने आया है
  • author
    PANKAJ KUMAR SRIVASTAVA
    01 अप्रैल 2020
    सुन्दर रचना।मेरी रचनाये भी पढे व अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करे
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
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    Meena Bhatt.
    27 अप्रैल 2019
    वर्मन जी सबसे से पहले बहुत-बहुत शुभकामनाएं।लगता यह रचना आप ने दादा-दादी, नाना-नानी को समर्पित की है।आप की कहानी का ग्राफ़ काफी ऊपर जाता है।माँ सरस्वती का आशीर्वाद हमेशा बना रहे।
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    Yogesh motivational video
    28 मई 2023
    आपका अनुभव अत्यंत रोचक और सराहनीय कविता में धड़कन सामने आया है
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    PANKAJ KUMAR SRIVASTAVA
    01 अप्रैल 2020
    सुन्दर रचना।मेरी रचनाये भी पढे व अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करे