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प्यार का एक रंग यह भी

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अभी वह कालेज से आई ही थी कि मोबाइल घनघना उठा...असमय सुजाता का फोन आया देखकर वह चौंकी थी । एक वही तो थी जिससे अपनी हर बात शेयर कर सकती थी...उससे अगर एक दिन भी बात न हो तो खाना ही हजम नहीं होता था ...

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लेखक के बारे में
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सुधा आदेश

शिक्षा बी.एस.सी.,एम.ए, बी.एड.,एम.एच.एम; (होमियो.) जन्म 8 फरवरी, 1955 , बरेली ( उत्तर प्रदेश ) गतिविधियाँ : लेखकीय कर्म में संलग्न रहने के साथ साहित्यिक गतिविधियों में भी सक्रिय । स्कूलों द्वारा आयोजित अंतर स्कूल वाद विवाद तथा काव्य प्रतियोगिताओं में निर्णायक के रूप में योगदान, रेडियो स्टेशन से काव्यपाठ का प्रसारण । प्रकाशन : अखिल भारतीय स्तर की पत्रिकाओं एवं अखबारों...नवनीत, सरिता, गृहशोभा, मुक्ता, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, वनिता, जागरण सखी, खनन भारती, नवभारत, लोकमत समाचार, दैनिक भास्कर, प्रभातखबर आदि में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन, अनेक संकलनों में कविताओं का समावेश । कहानी संग्रह -अनाम रिश्ते, माटी की सुगंध, किसी से न कहना, वीरान मन के खंडहर, आत्ममंथन, तलाश जारी है, सजा किसे मिली, जलजला, विश्वास का चीरहरण एवं अन्य कहानियाँ, एक टुकड़ा धूप । काव्य संग्रह- चेतना के स्वर यात्रा वृतांत- कुछ चित्र मन के कैनवास से उपन्यास- अंततः, अपने-अपने कारागृह सम्मान : - मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच भारतवर्ष, दिल्ली द्वारा प्रतिभा रजत सम्मान से सम्मानित ( 2018 ) - मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच भारतवर्ष, दिल्ली द्वारा शतकवीर सम्मान से सम्मानित ( 2016 ) -साहित्यिक एवं सामाजिक प़ित्रका गुफ्तगू द्वारा महिला दिवस पर 2016 में ‘ सुभद्रा कुमारी चैहान ’ पुरस्कार से सम्मानित । -साहित्य सेवा के लिये मनसा पब्लिकेशन लखनऊ के द्वारा ‘ लोपामुद्रा सम्मान-2013 ’ से सम्मानित । -रेल मंत्रालय द्वारा आयोजित रेल यात्रा वृतांत पुरस्कार (2005.2006) में यात्रा वृत्तांत ‘ अनोखा एहसास ’ को प्रथम पुरस्कार । - अखिल भारतीय कविसभा, भूरुकुंडा हजारीबाग द्वारा साहित्य सेवा के लिये बच्चन-शशिकर स्मृति रत्न सम्मान 2005 । - दिल्ली प्रेस द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता 2002 में कहानी ‘कड़ुवा सच ’ के लिये सांत्वना पुरस्कार । - महिला संस्कार केन्द्र, नागपुर 1994 में आयोजित लेख प्रतियोगिता में लेख ‘ सुव्यवस्था घर की शोभा है ’ को प्रथम पुरस्कार । - सरस्वती पुस्तकालय, बलिया द्वारा 1968 में बालकवियों के लिये आयोजित प्रतियोगिता में कविता ‘ एक पुष्प ’ को सांत्वना पुरस्कार ।

समीक्षा
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    Benaam Lekhika
    30 ഡിസംബര്‍ 2018
    इस कहानी को पढ़ने के बाद मुंह से शब्द प्रस्फुटित नहीं हो रहे ,सिर्फ आंखो से अंश्रुपात हो रहे है।लगता है कि एक एक शब्द चलचित्र की तरह आंखों के सामने घूम रहे हैं। क्या प्यार ऐसा भी होता है? यही प्रश्न मन हैं।
  • author
    pankaj Agarwal "Jalaj"
    20 ആഗസ്റ്റ്‌ 2020
    बहुत ही शानदार खूबसूरत रचना, स्टार्स से आंकना कहानी के साथ नाइंसाफ़ी होगी 🙏🙏
  • author
    Usha Garg "उषा"
    01 മെയ്‌ 2019
    ओहो बस शब्द भी लगता है आँखो के पानी मे बह गए
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    Benaam Lekhika
    30 ഡിസംബര്‍ 2018
    इस कहानी को पढ़ने के बाद मुंह से शब्द प्रस्फुटित नहीं हो रहे ,सिर्फ आंखो से अंश्रुपात हो रहे है।लगता है कि एक एक शब्द चलचित्र की तरह आंखों के सामने घूम रहे हैं। क्या प्यार ऐसा भी होता है? यही प्रश्न मन हैं।
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    pankaj Agarwal "Jalaj"
    20 ആഗസ്റ്റ്‌ 2020
    बहुत ही शानदार खूबसूरत रचना, स्टार्स से आंकना कहानी के साथ नाइंसाफ़ी होगी 🙏🙏
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    Usha Garg "उषा"
    01 മെയ്‌ 2019
    ओहो बस शब्द भी लगता है आँखो के पानी मे बह गए