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प्यार धोखा और बदला

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बदन में उतरकर रूह पर वार किया बाहर से करते तो शरीर ही मरता मेरा, तुमने तो मेरी रूह से ही विश्वासघात कर डाला। प्यार अनमोल है इसकी कीमत न लगाया करो सिर्फ आंखो से मोहब्बत करो ...

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लेखक के बारे में
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Vishnu Jaipuria

शब्दों के समंदर में मेरी एक छोटी सी नाव है, जाना तो उस पार है, ये कलम ही मेरी पतवार है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    R.K shrivastava
    18 मई 2022
    बहुत सुंदर ! यहाँ शीर्षक के तीनों खंडों का संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित विश्लेषण हुआ है ।
  • author
    DayaShanker Tiwari
    18 मई 2022
    प्यार नफरत और बदला यह सब सच्चे प्यार में नहीं होता है सुंदर रचना सुंदर रचना
  • author
    18 मई 2022
    क्या बात है भइया ..👌✍️
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    R.K shrivastava
    18 मई 2022
    बहुत सुंदर ! यहाँ शीर्षक के तीनों खंडों का संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित विश्लेषण हुआ है ।
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    DayaShanker Tiwari
    18 मई 2022
    प्यार नफरत और बदला यह सब सच्चे प्यार में नहीं होता है सुंदर रचना सुंदर रचना
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    18 मई 2022
    क्या बात है भइया ..👌✍️