pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

पुत्री रत्न

5
5

महक उठा मन आंगन सुरभित हुआ हर इक कण जब आई अपने घर एक नन्हीं सी किरण मंद मंद मुस्कान अत्यंत मनभावन खिल जाएं कलियां रूप अति पावन फूलों के रस सी मीठी बोली नन्हीं नंदिनी चहकती डोली बिटिया रानी खन खन ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Riya Aggarwal
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    simple Jain
    16 अप्रैल 2021
    बढ़िया बहुत बढ़िया..
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    simple Jain
    16 अप्रैल 2021
    बढ़िया बहुत बढ़िया..