ट्रिंग,ट्रिंग,ट्रिंग। फोन की घंटी बजती है। फोन से आवाज आती है- हैलो, पिताजी मैं सुयश बोल रहा हूं। अब आपकी तबीयत कैसी हैं? आप दवा तो वक्त पर खाते हैं ना। और मां के घुटने का दर्द कैसा हैं? माता-पिता के ...
वाह.... कहानी का मध्य भाग पढ़ कर दुख हुआ लेकिन अंत तक आते-2.....👌 एक खुशी मिली वो खुशी जो हर त्योहार पर अपनो के साथ बिताकर मिलती है।यही तो परिवार होता है।आपकी रचनात्मक क्षमता प्रबल है।
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वाह.... कहानी का मध्य भाग पढ़ कर दुख हुआ लेकिन अंत तक आते-2.....👌 एक खुशी मिली वो खुशी जो हर त्योहार पर अपनो के साथ बिताकर मिलती है।यही तो परिवार होता है।आपकी रचनात्मक क्षमता प्रबल है।
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