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पुष्प की अभिलाषा

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पुष्प की अभिलाषा है, खिलखिलाकर हँसने की, चाहे जैसा मौसम हो, चाहे जितनी परेशानी हो, चाहे रास्ते कितने कठिन हो, बस पुष्प की अभिलाषा है, खिलखिलाकर हँसने की। पुष्प की अभिलाषा है, चारों ओर मुस्कान ...

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लेखक के बारे में

मै पिछले 19 वर्षों से समाज कार्य के क्षेत्र में महिला एवं बाल स्वास्थ्य पर विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक संस्थानो के साथ कार्यरत हूँ। लेखन का ज्यादा अनुभव नही है, कोशिश है कि कुछ अपने मन की बातों को शब्दों के माध्यम से कागज़ पर उतार सकूँ। आशा है कि प्रतिलिपि के माध्यम से आप सभी के विचारों/ टिप्पणी से अपनी रचनाओं को नया आयाम दे पाऊंगा।।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    श्वेता विजय mishra
    29 अक्टूबर 2021
    बहुत बहुत सटीक बेहतरीन रचना शानदार 👍👍👍👍👍
  • author
    Kiran Singh "ek ehsaas"
    26 अक्टूबर 2021
    बहुत खूब लिखा है आपने वाह👌👌👌👌👌👏👏👏👍👍🌞🌞🌞🌞
  • author
    Madhavi Sharma "Aparajita"
    26 अक्टूबर 2021
    बहुत बेहतरीन,, भावपूर्ण पंक्तियां,,,✍👌
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  • author
    श्वेता विजय mishra
    29 अक्टूबर 2021
    बहुत बहुत सटीक बेहतरीन रचना शानदार 👍👍👍👍👍
  • author
    Kiran Singh "ek ehsaas"
    26 अक्टूबर 2021
    बहुत खूब लिखा है आपने वाह👌👌👌👌👌👏👏👏👍👍🌞🌞🌞🌞
  • author
    Madhavi Sharma "Aparajita"
    26 अक्टूबर 2021
    बहुत बेहतरीन,, भावपूर्ण पंक्तियां,,,✍👌