pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

पुष्प गुच्छ सी हम बालाएँ

5
18

पुष्प गुच्छ सी हम बालाएँ , जन्म से रौदीं जातीं हैं , अभी हरी कली ही थी कि , तोड़ लीं जातीं हैं । पुष्प गुच्छ सी हम बालाएँ , कली पुष्पित अभी हुई नहीं कि , भौरें हमपर मँडरातें ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Medha

Over smartness makes a man coward...... दुःख के सागर में गोते लगाकर ही इंसान को सच्चा तज़ुर्बा प्राप्त होता है | By only deep diving in the ocean of sorrows, a person can get the true worldliness or experience in simple words... দুঃখের সাগরে গভীর গোতার মাধ্যমে, মানুষ সত্য বিশ্বসত্ব বা অভিজ্ঞতা পেতে পারে। .... "Medha"

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    jayshankar prasad
    12 जनवरी 2021
    बिलकुल सही विश्लेषण कीं हैं आपने आदरणीया मैडम जी । बहुत सुंदर प्रस्तुति है ।
  • author
    Nidhi Sehgal "सेहगल"
    11 जनवरी 2021
    अति ऊत्त्म रचना लिखी है आपने कमाल का लिखा
  • author
    12 जनवरी 2021
    बहुत खूब लिखा है आपने
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    jayshankar prasad
    12 जनवरी 2021
    बिलकुल सही विश्लेषण कीं हैं आपने आदरणीया मैडम जी । बहुत सुंदर प्रस्तुति है ।
  • author
    Nidhi Sehgal "सेहगल"
    11 जनवरी 2021
    अति ऊत्त्म रचना लिखी है आपने कमाल का लिखा
  • author
    12 जनवरी 2021
    बहुत खूब लिखा है आपने