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पूर्वाग्रह

4.6
1794

शर्मा जी अस्पताल में आईसीयू में थे। जैसे-जैसे होश आ रहा था, घटना स्मृति पटल पर उभरने लगी। " आपको कुरील साब ने तुरंत बुलाया है, बहुत गुस्से में है।" शर्मा जी भन्ना उठे - " जब देखो बुला लेता है, बिना ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Tejwan Oraon
    27 जुन 2020
    बहुत सुन्द,सार्थक और यथार्थ प्रस्तुति । अन्त और भी खूबसूरत । पढ़ कर अच्छा लगा ।
  • author
    Jugraj Dhamija Advocate
    12 फेब्रुवारी 2019
    बहुत सुंदर। लगभग हर व्यक्ति के किसी न किसी कोने में ये जात पात घुसी हुई है। बहुत सुंदर साधुवाद
  • author
    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    24 मे 2018
    बहुत शानदार प्रस्तुति. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.
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    Tejwan Oraon
    27 जुन 2020
    बहुत सुन्द,सार्थक और यथार्थ प्रस्तुति । अन्त और भी खूबसूरत । पढ़ कर अच्छा लगा ।
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    Jugraj Dhamija Advocate
    12 फेब्रुवारी 2019
    बहुत सुंदर। लगभग हर व्यक्ति के किसी न किसी कोने में ये जात पात घुसी हुई है। बहुत सुंदर साधुवाद
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    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    24 मे 2018
    बहुत शानदार प्रस्तुति. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.