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पुरानी धूल

4.6
45986

पू रे पाँच साल बाद किस्मत ज़बरदस्ती घर ले आई थी । वरना अभय ने तो जैसे घर से मोह ही तोड़ लिया था । नौकरी लगते ही जैसे उसे अपने शहर का राह्ता ही भूल गया था । काम का बढ़ता हुआ लोड और शहर की ज़िंदगी ...

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लेखक के बारे में
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धीरज झा

नाम धीरज झा, काम - स्वछंद लेखन (खास कर कहानियां लिखना), खुद की वो बुरी आदत जो सबसे अच्छी लगती है मुझे वो है चोरी करना, लोगों के अहसास को चुरा कर कहानी का रूप दे देना अच्छा लगता है मुझे....किसी का दुःख, किसी की ख़ुशी, अगर मेरी वजह से लोगों तक पहुँच जाये तो बुरा ही क्या है इसमें :) .....इसी आदत ने मुझसे एक कहानी संग्रह लिखवा दिया जिसका नाम है सीट नं 48.... जी ये वही सीट नं 48 कहानी है जिसने मुझे प्रतिलिपि पर पहचान दी... इसके तीन भाग प्रतिलिपि पर हैं और चौथा और अंतिम भाग मेरे द्वारा इसी शीर्षक के साथ लिखी गयी किताब में....आप सब की वजह से हूँ इसीलिए कोशिश करूँगा कि आप सबका साथ हमेशा बना रहे... फेसबुक पर जुड़ें :- https://www.facebook.com/profile.php?id=100030711603945

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Gulshan Kumar
    05 মে 2018
    बहुत ही बेहतरीन लेख है उस इंसान को जगाने के लिए जो अपनी नौकरी या बाहर जाने की वजह से अपने पुराने दोस्तों मां-बाप आदि को भूलने लगता है
  • author
    Ramawatar Sharma
    18 জুন 2021
    आज का नवयुवक भौतिक सुख सुविधा और पैसे कमाने के चक्कर में परिवार सुख भूल जाते हैं और एक समय बाद वही परिवार याद आता है तथा विपत्ति में काम आता है । मेरी समझ यही कहानी का सार है, जो नवयुवकों को अहसास कराती है । अच्छी कहानी है । 👍🏽🙏🏻🌹
  • author
    Pushpendra Thakur
    14 এপ্রিল 2022
    एक बेमिसाल रचना मेरे अंदर के तार भी हिला दिया मिस all those days a lot keep it up wish you all the best for your brigh future and good health जय श्री राम
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    Gulshan Kumar
    05 মে 2018
    बहुत ही बेहतरीन लेख है उस इंसान को जगाने के लिए जो अपनी नौकरी या बाहर जाने की वजह से अपने पुराने दोस्तों मां-बाप आदि को भूलने लगता है
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    Ramawatar Sharma
    18 জুন 2021
    आज का नवयुवक भौतिक सुख सुविधा और पैसे कमाने के चक्कर में परिवार सुख भूल जाते हैं और एक समय बाद वही परिवार याद आता है तथा विपत्ति में काम आता है । मेरी समझ यही कहानी का सार है, जो नवयुवकों को अहसास कराती है । अच्छी कहानी है । 👍🏽🙏🏻🌹
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    Pushpendra Thakur
    14 এপ্রিল 2022
    एक बेमिसाल रचना मेरे अंदर के तार भी हिला दिया मिस all those days a lot keep it up wish you all the best for your brigh future and good health जय श्री राम