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पुण्य

4.3
24714

वर्धमान नगर में रूपसेन नाम का राजा राज्य करता था। एक दिन उसके यहां वीरवर नाम का एक राजपूत नौकरी के लिए आया। राजा ने उससे पूछा कि उसे खर्च के लिए क्या चाहिए तो उसने जवाब दिया, हजार तोले सोना। सुनकर ...

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अज्ञात
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    charu pandya
    11 सितम्बर 2018
    हजार तोला नहीं दस तोला सोना होता है ।
  • author
    Arvind kumar tyagi
    06 अक्टूबर 2018
    Bahute hi sunder story. Raja ka sukh praja ke sukh me hai . yehi hamare dharam ki manyata hai.
  • author
    pc jain
    12 मई 2020
    ऐसे सेवक और राजा हो जावे तो सुख की वषा होने लगे।
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    charu pandya
    11 सितम्बर 2018
    हजार तोला नहीं दस तोला सोना होता है ।
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    Arvind kumar tyagi
    06 अक्टूबर 2018
    Bahute hi sunder story. Raja ka sukh praja ke sukh me hai . yehi hamare dharam ki manyata hai.
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    pc jain
    12 मई 2020
    ऐसे सेवक और राजा हो जावे तो सुख की वषा होने लगे।