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पुनर्विवाह- एक पहल

4.5
22292

यह एक काल्पनिक एवं मौलिक रचना है। मैं नहीं जानती मेरी इस रचना को पढ़ कर सब की क्या प्रतिक्रिया होगी। मुझे लगा कि ऐसी एक पहल की जानी चाहिए और समाज द्वारा ऐसे विवाह को मान्यता दी जानी चाहिए। ********* ...

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लेखक के बारे में

एक लम्बे समय से हिन्दी तथा अंग्रेजी में कविता, कहानियाँ लिखती आई हूँ। अधिकतर ब्लॉग, आनलाईन और सोशल साईटस पर साझा कर लेती हूँ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sangita Kumari
    07 मार्च 2019
    nice story ager aisi soch sab me aa jaye to kya kahna
  • author
    Neelima Gupta "Binee"
    27 जून 2020
    मेरे खयाल से इस तरह की पहल केवल वृद्धाश्रम में ही नही हमारे आम जीवन मे भी उन लोगो के घरों में पहल होनी चाहिए जिन घरों में माँ या बाप कोई एक अकेला रह जाता है , जब एक साथी उसे बीच मे छोड़ कर हमेशा के लिए चला जाता है , और घर परिवार में बेटा - बहु , नाती - पोते सभी के रहते हुए घर के बुजुर्ग अकेला पन महसूस करते है , जिन्हे इस उम्र में शारीरिक नही बल्कि मानसिक तौर पर किसी सहारे की जरूरत होती है , आपकी सोच बहुत अच्छी है , मैं आपके विचारों से सहमत हूं
  • author
    Kalpana Dubey
    27 जून 2020
    कहानी अच्छी है समाज में आए परिवर्तन ने वृद्ध आश्रमों की संख्या बढ़ा दी है स्वार्थपरता ने वृद्धों को अपने हाल पर छोड़ दिया है ऐसे हालातों में इस तरह के कदम उठाना उचित और सराहनीय है
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    Sangita Kumari
    07 मार्च 2019
    nice story ager aisi soch sab me aa jaye to kya kahna
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    Neelima Gupta "Binee"
    27 जून 2020
    मेरे खयाल से इस तरह की पहल केवल वृद्धाश्रम में ही नही हमारे आम जीवन मे भी उन लोगो के घरों में पहल होनी चाहिए जिन घरों में माँ या बाप कोई एक अकेला रह जाता है , जब एक साथी उसे बीच मे छोड़ कर हमेशा के लिए चला जाता है , और घर परिवार में बेटा - बहु , नाती - पोते सभी के रहते हुए घर के बुजुर्ग अकेला पन महसूस करते है , जिन्हे इस उम्र में शारीरिक नही बल्कि मानसिक तौर पर किसी सहारे की जरूरत होती है , आपकी सोच बहुत अच्छी है , मैं आपके विचारों से सहमत हूं
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    Kalpana Dubey
    27 जून 2020
    कहानी अच्छी है समाज में आए परिवर्तन ने वृद्ध आश्रमों की संख्या बढ़ा दी है स्वार्थपरता ने वृद्धों को अपने हाल पर छोड़ दिया है ऐसे हालातों में इस तरह के कदम उठाना उचित और सराहनीय है