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पुनरपि जननं पुनरपि मरणम्

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मधुसूदन के राग गाती एक पथिका हरित वीथिका की ओर अपने खुले केशों को बधंन युक्त नहीं कर सकी क्योंकि ,वह ईश्वर की भक्ति में लीन थी । ऋतु श्रावण मास उमड़ घुमड़ कर बादल बरस रहे थे ,भयंकर गर्जना के बीच ...

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लेखक के बारे में
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Sunanda Aswal

मेरे अनुभव ही मेरा लेखन है । अन्य मंचों द्वारा पारितोषक प्रदान किया है ,कहानी , कविता, उपन्यास में विशेष रुचि रखती हूं । लेखन में रूचि मुझे यहाँ तक ले आई । आप लोगों का सहयोग अपेक्षित है । मैं सामाजिक संस्था से जुड़ी हू , वहां शिक्षा देती हूं .। मेरा मानना है कि मन के भाव को प्रकट करना ही लेखन कला है । इससे आपकी पर्सनेलिटी हद तक प्रभावित होती है । जब इस विशाल समुंदर में गोता लगा ही लिया है तो लहरों से भय नहीं लगता । स्वागत है ☺️

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
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    आमोद "अल्पज्ञ"
    27 जुलाई 2023
    जितना सुंदर शीर्षक, उतनी ही सुंदर कृति। पुनरपि जननम पुनरपि मरणम, पुनरपि जननी जठरे शयनम। ये चक्र तो चलता ही रहेगा। कर्म का फल भोगने के लिए देह धारण तो करना ही पड़ेगा, जब तक कि इस चौरासी के चक्कर से मुक्ति न मिल जाए, जब तक कि मोक्ष का अधिकारी बन परम धाम की प्राप्ति न हो जाए। मोह माया में फंसे मनुष्य के ज्ञान चक्षु खोलने का प्रयास प्रतिबिंबित होता है आपकी रचन में। 🙏🙏
  • author
    Madhu Sethi
    27 जुलाई 2023
    वाह क्या बढिय़ा प्रेरणादायक सार्थक मोतियों जैसे शब्दों का चयन करती मोह के परिणाम को भोगती उत्कृष्ट सृजन शीलता आपकी स्टिकर तो बनता है
  • author
    Manju Ashok Rajabhoj
    27 जुलाई 2023
    बहुत खूब प्रस्तुति हैं आपकी |👌👌 बहुत प्यारा सा हैं यह साहित्य का सफर | जो कुछ लिखते-पढ़ते यह गुजरे अगर || 😍
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    आमोद "अल्पज्ञ"
    27 जुलाई 2023
    जितना सुंदर शीर्षक, उतनी ही सुंदर कृति। पुनरपि जननम पुनरपि मरणम, पुनरपि जननी जठरे शयनम। ये चक्र तो चलता ही रहेगा। कर्म का फल भोगने के लिए देह धारण तो करना ही पड़ेगा, जब तक कि इस चौरासी के चक्कर से मुक्ति न मिल जाए, जब तक कि मोक्ष का अधिकारी बन परम धाम की प्राप्ति न हो जाए। मोह माया में फंसे मनुष्य के ज्ञान चक्षु खोलने का प्रयास प्रतिबिंबित होता है आपकी रचन में। 🙏🙏
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    Madhu Sethi
    27 जुलाई 2023
    वाह क्या बढिय़ा प्रेरणादायक सार्थक मोतियों जैसे शब्दों का चयन करती मोह के परिणाम को भोगती उत्कृष्ट सृजन शीलता आपकी स्टिकर तो बनता है
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    Manju Ashok Rajabhoj
    27 जुलाई 2023
    बहुत खूब प्रस्तुति हैं आपकी |👌👌 बहुत प्यारा सा हैं यह साहित्य का सफर | जो कुछ लिखते-पढ़ते यह गुजरे अगर || 😍