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प्रिया की डायरी

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स्मृति, तुम कहती होगी कि ये तो मुझे तब याद करती है जब बहुत अकेली हो जाती है , तुम सही हो स्मृति, लेकिन तुम तो जानती हो कि बहुत सी जिम्मेदारियां भी तो हैं मेरे पास, छोटे छोटे बच्चे, परिवार, जॉब, सबकी ...

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लेखक के बारे में

एक शिक्षक जो हमेशा विद्यार्थी रहना चाहती है और हर प्राणी से कुछ न कुछ सीखना चाहती है, सादा जीवन उच्च विचार "जिंदगी जब दर्द बन जाती है तो कागज़ पे उतर जाती है किताबें दोस्त बन जाती हैं कलम तब साथ निभाती है"

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    22 मई 2021
    अत्यंत भावपूर्ण पंक्तियां इस डायरी की।स्नेह की डोर से परिवार के सभी सदस्य बंधे होते हैं और यह अदृश्य बंधन ही पूरे परिवार की सबसे बड़ी ताकत होता है। ईश्वर कृपा से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएं।
  • author
    Kanchan Shukla
    22 मई 2021
    माता-पिता कभी भी अपने बच्चों से अपनी परेशानी नहीं बताते माता-पिता का साथ जब छूटता है तो उस दर्द को कोई बांट नहीं सकता दूर रहकर भी वह हमारे दर्द को महसूस कर लेते हैं
  • author
    Shilpa Modi "🌹सत्या🌹"
    22 मई 2021
    जैसे हम.अपनी परेशानी साझा करते है अपने पैरैन्टस वैसे ही पैरेंट्स को भी हम पर विश्वास करके अपने परेशानी को जरूर साझा करनी चाहिए। बहुत सुंंदर डायरी लेखन✍️✍️
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    22 मई 2021
    अत्यंत भावपूर्ण पंक्तियां इस डायरी की।स्नेह की डोर से परिवार के सभी सदस्य बंधे होते हैं और यह अदृश्य बंधन ही पूरे परिवार की सबसे बड़ी ताकत होता है। ईश्वर कृपा से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएं।
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    Kanchan Shukla
    22 मई 2021
    माता-पिता कभी भी अपने बच्चों से अपनी परेशानी नहीं बताते माता-पिता का साथ जब छूटता है तो उस दर्द को कोई बांट नहीं सकता दूर रहकर भी वह हमारे दर्द को महसूस कर लेते हैं
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    Shilpa Modi "🌹सत्या🌹"
    22 मई 2021
    जैसे हम.अपनी परेशानी साझा करते है अपने पैरैन्टस वैसे ही पैरेंट्स को भी हम पर विश्वास करके अपने परेशानी को जरूर साझा करनी चाहिए। बहुत सुंंदर डायरी लेखन✍️✍️