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प्रेरणा

4.5
572

शिक्षिका के अपनी छात्रा के प्रति की गई गलती का पश्चाताप व उसे प्रोत्साहन देकर गलती का सुधार कैसे किया जा सकता है इस पर आधारित यह कहानी मेरा अपना संस्मरण है जिसे मैंने कहानी के तौर पर लिखा है।

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लेखक के बारे में
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Meena Sharma

जूनियर कॉलेज व उच्च माध्यमिक विद्यालय में हिंदी और मराठी की शिक्षिका । ब्लॉग लेखिका । प्रकृति, परिवेश व समाज से लिखने की प्रेरणा मिलती है। मेरी रचनाएँ ब्लॉग 'चिड़िया' meenasharmma.blogspot.com पर भी उपलब्ध हैं। तीन काव्यसंग्रह प्रकाशित हो चुके हैं - 1) अब ना रुकूँगी 2) ओस की बूँदें (साझा) 3) तब गुलमोहर खिलता है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
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    अर्चना "हरिशंकर"
    20 సెప్టెంబరు 2020
    ह्रदय स्पर्शी संस्मरण ऐसी घटना एक बार मेरे साथ भी हुई थी जब अनजाने मे मैने एक बच्चे से उसके पिता के विषय मे बात की थी जिनका निधन हो चुका था।
  • author
    17 డిసెంబరు 2019
    मन को छू जाने वाली प्रभावी रचना शुभकामनाएं और बधाई स्वीकारें... 💐💐💐💐💐💐💐💐💐
  • author
    प्रे_rna 🌒🕊️
    04 ఆగస్టు 2020
    एक विकलांग लड़की की ऐसी इच्छा सच में हमें प्रेरणा देती है ।।
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    अर्चना "हरिशंकर"
    20 సెప్టెంబరు 2020
    ह्रदय स्पर्शी संस्मरण ऐसी घटना एक बार मेरे साथ भी हुई थी जब अनजाने मे मैने एक बच्चे से उसके पिता के विषय मे बात की थी जिनका निधन हो चुका था।
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    17 డిసెంబరు 2019
    मन को छू जाने वाली प्रभावी रचना शुभकामनाएं और बधाई स्वीकारें... 💐💐💐💐💐💐💐💐💐
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    प्रे_rna 🌒🕊️
    04 ఆగస్టు 2020
    एक विकलांग लड़की की ऐसी इच्छा सच में हमें प्रेरणा देती है ।।