‘थॉट्स ऑन पाकिस्तान’ यह अपना ग्रंथ बाबासाहब ने अपनी " रामू " को अर्पण किया था | अर्पण पुस्तिका में उन्होंने लिखा की " मैं यह पुस्तक रमो को उसके मन की सात्विकता, मानसिक सदवृत्ति, सदाचार की ...
"आँखों को जो बात जँच गई ,रूह में अगर वो बस गई,अल्फाज़ो में देकर उसका एक रूप,हमारी किताब जैसे सज गई..मुझे बहोत अच्छे से शब्दों को सजाना नहीं आता .पर फिर भी कभी खुद के ,कभी लोगो के अहसासों को एक रूप देने की कोशिश कर रही हूँ..अगर कही कुछ सुधारने की जरुरत ह तो जरूर बताए...धन्यवाद "आप सबके प्यार के साथ एक छोटी सी कोशिश...
सारांश
"आँखों को जो बात जँच गई ,रूह में अगर वो बस गई,अल्फाज़ो में देकर उसका एक रूप,हमारी किताब जैसे सज गई..मुझे बहोत अच्छे से शब्दों को सजाना नहीं आता .पर फिर भी कभी खुद के ,कभी लोगो के अहसासों को एक रूप देने की कोशिश कर रही हूँ..अगर कही कुछ सुधारने की जरुरत ह तो जरूर बताए...धन्यवाद "आप सबके प्यार के साथ एक छोटी सी कोशिश...
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