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प्रेम की परीक्षा (डॉ.आराधना नीखरा )

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प्रेम की परीक्षा ली जाती नहीं प्रेम की परिभाषा की जाती नहीं ढ़ाई आखर है प्रेम का अर्थ तो परीक्षाओं में बंध प्रीति की जाती नहीं!! प्रेमी ने  सूरज को चांद कह अगर दिया दूसरा कहे,अंधकार मुझे लग ...

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लेखक के बारे में
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Dr.Aradhana Neekhara
समीक्षा
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  • author
    02 अगस्त 2025
    एकदम सही कहा आपने प्रेम की परीक्षा नहीं ली जा सकती और लेना भी नहीं चाहिए पर आज के जमाने में जो लैला मजनू छाप प्रेम है उसके बारे में मेरे कहना है कि यह इश्क नहीं आसा बस इतना समझ लीजे एक आग का दरिया है और डूब के जाना है। मां बाप खुद को कोसे औलाद है निकम्मी। इन इश्क के दीवानों की ठोकर में जमाना है। वह पास हो रही है हर प्रेमी के इम्तिहान में। सब उसके प्रेमी रोते यह कैसा जमाना है। आदरणीय अबआप ही कहिए, क्या कभी किसी ने सच्चे प्रेम की कोई परीक्षा लो है?
  • author
    Birendra Sinha
    02 अगस्त 2025
    बड़ी प्यारी मनोहारी मनभावनी रचना अति उत्तम 👌🏼👌🏼🌹🍀🌹🍀🌹🍀🌹
  • author
    Rakesh Chaurasia
    02 अगस्त 2025
    वाह बहुत सुंदर रचना लिखी है आपने।
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    02 अगस्त 2025
    एकदम सही कहा आपने प्रेम की परीक्षा नहीं ली जा सकती और लेना भी नहीं चाहिए पर आज के जमाने में जो लैला मजनू छाप प्रेम है उसके बारे में मेरे कहना है कि यह इश्क नहीं आसा बस इतना समझ लीजे एक आग का दरिया है और डूब के जाना है। मां बाप खुद को कोसे औलाद है निकम्मी। इन इश्क के दीवानों की ठोकर में जमाना है। वह पास हो रही है हर प्रेमी के इम्तिहान में। सब उसके प्रेमी रोते यह कैसा जमाना है। आदरणीय अबआप ही कहिए, क्या कभी किसी ने सच्चे प्रेम की कोई परीक्षा लो है?
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    Birendra Sinha
    02 अगस्त 2025
    बड़ी प्यारी मनोहारी मनभावनी रचना अति उत्तम 👌🏼👌🏼🌹🍀🌹🍀🌹🍀🌹
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    Rakesh Chaurasia
    02 अगस्त 2025
    वाह बहुत सुंदर रचना लिखी है आपने।