प्रेम में एक ताप होता है।जो व्यक्ति इस ताप से समुचित मात्रा में भाप नहीं बना पाता वह आख़िरकार पश्चाताप ही करता है।मैं भी कर रहा हूं।कर तो कई वर्षों से रहा था,लेकिन ज़ाहिर आज कर रहा।देर इसलिए हुई कि ...
प्रेम में एक ताप होता है।जो व्यक्ति इस ताप से समुचित मात्रा में भाप नहीं बना पाता वह आख़िरकार पश्चाताप ही करता है।मैं भी कर रहा हूं।कर तो कई वर्षों से रहा था,लेकिन ज़ाहिर आज कर रहा।देर इसलिए हुई कि ...