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'प्रेम गली अति सांकरी'

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' प्रेम गली अति सांकरी ' प्रेम गली अति सांकरी तामें दो न समासत्य कबीर ने कितनी सहजता से बड़ी बात कह दी सच में प्यार में दूरियां तो हो सकती हैं मगर ब्रेकअप नहीं लेकिन आज के तथाकथित आधुनिक समाज में ...

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लेखक के बारे में
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Pallavi Sharma

जो ख्वाब नासमझी में यूं ही कभी देखे गए थे, जज्बातों की आंच में धीमे धीमे सेंके गए थे। आज समेट ली है खामोशी मेरी उन पन्नों ने खामोशी से लेकिन, उलझन भरे वो कागज कई मर्तबा फेंकेगए थे। 💌 . . . बचपन से अवचेतन मन में कुछ सपने पल गए थे लेकिन उनको पूरा करना तो दूर परिस्थितियों और जीवन की व्यस्तताओं ने उनसे ही दूर कर दिया।अब होश आया तो लगा कि बहुत जी लिए अब बस "जीना" है। . . . शुरू से ही अच्छा लेखन बहुत प्रभावित करता है। पढ़ना - पढ़ाना,लिखना और फोटोशूट कराना,रिएलिटी शो तथा फिल्में देखना ,घूमना बहुत पसंद है। . . https://www.facebook.com/pallavi.dubey.75641 http://Instagram.com/unplugged_pallavi

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    23 फ़रवरी 2020
    वाह, बहुत खूबसूरती से समझाया आपने,, सच तो यही है,,, आज कल का प्यार, प्यार नहीं व्यापार हो गया है
  • author
    Anju Dubey
    23 फ़रवरी 2020
    आजकल प्यार का मतलब तू नहीं और सही और नहीं और सही हो गया है ।
  • author
    Rakesh Chaurasia
    23 फ़रवरी 2020
    nice
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    23 फ़रवरी 2020
    वाह, बहुत खूबसूरती से समझाया आपने,, सच तो यही है,,, आज कल का प्यार, प्यार नहीं व्यापार हो गया है
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    Anju Dubey
    23 फ़रवरी 2020
    आजकल प्यार का मतलब तू नहीं और सही और नहीं और सही हो गया है ।
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    Rakesh Chaurasia
    23 फ़रवरी 2020
    nice