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प्रेम और अपनत्व

4.5
13039

बेटी के ख्यालों में डूबे मिस्टर शर्मा कॉल बेल की आवाज सुनकर चौंक उठे। बिस्तर पर लेटे हुए ही दाहिना हाथ बढाकर उन्होंने टेबल लैम्प ऑन किया । बगल में रखा ंअपना चश्मा ंऑंखों पर चढाकर मिस्टर शर्मा ने एक ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा: पत्रकारिता एंव जनसंचार में स्नाकोत्तर डिग्री , समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर, बी. एड । विभिन्न अखबारों , पत्रिकाओं में लेख, कहानियाँ एंव कविताएँ प्रकाशित, जानकीपुल साहित्यिक वेबसाइट पर हिंदी फिल्मों की समीक्षा प्रकाशित।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Nita Kasar
    05 मई 2017
    पिता,पुत्री के रिश्ते पर आधारित संवेदनशील कथा ।
  • author
    Rajeev Saxena
    06 फ़रवरी 2021
    पिता बेटी के वात्सल्य की अद्भुत कहानी है, जिसमें कुरीतियों व सामाजिक प्रथा की चिंता न करते हुए बेटी ने अपने पिता और पति के साथ पिता के घर में ही रहना स्वीकार किया है।यह प्रेम की उच्चस्थिति है ।कहानी पाठकों को अंत तक बांधे रहती है ।अच्छे लेखन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं ।कृपया मेरी रचना प्रकार पढ़कर समीक्षा देकर कृतार्थ करें।
  • author
    Shipra Tiwari
    04 मई 2017
    Wow xtremely emotionl😊
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    Nita Kasar
    05 मई 2017
    पिता,पुत्री के रिश्ते पर आधारित संवेदनशील कथा ।
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    Rajeev Saxena
    06 फ़रवरी 2021
    पिता बेटी के वात्सल्य की अद्भुत कहानी है, जिसमें कुरीतियों व सामाजिक प्रथा की चिंता न करते हुए बेटी ने अपने पिता और पति के साथ पिता के घर में ही रहना स्वीकार किया है।यह प्रेम की उच्चस्थिति है ।कहानी पाठकों को अंत तक बांधे रहती है ।अच्छे लेखन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं ।कृपया मेरी रचना प्रकार पढ़कर समीक्षा देकर कृतार्थ करें।
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    Shipra Tiwari
    04 मई 2017
    Wow xtremely emotionl😊