बेटी के ख्यालों में डूबे मिस्टर शर्मा कॉल बेल की आवाज सुनकर चौंक उठे। बिस्तर पर लेटे हुए ही दाहिना हाथ बढाकर उन्होंने टेबल लैम्प ऑन किया । बगल में रखा ंअपना चश्मा ंऑंखों पर चढाकर मिस्टर शर्मा ने एक ...
शिक्षा: पत्रकारिता एंव जनसंचार में स्नाकोत्तर डिग्री , समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर, बी. एड । विभिन्न अखबारों , पत्रिकाओं में लेख, कहानियाँ एंव कविताएँ प्रकाशित, जानकीपुल साहित्यिक वेबसाइट पर हिंदी फिल्मों की समीक्षा प्रकाशित।
सारांश
शिक्षा: पत्रकारिता एंव जनसंचार में स्नाकोत्तर डिग्री , समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर, बी. एड । विभिन्न अखबारों , पत्रिकाओं में लेख, कहानियाँ एंव कविताएँ प्रकाशित, जानकीपुल साहित्यिक वेबसाइट पर हिंदी फिल्मों की समीक्षा प्रकाशित।
पिता बेटी के वात्सल्य की अद्भुत कहानी है, जिसमें कुरीतियों व सामाजिक प्रथा की चिंता न करते हुए बेटी ने अपने पिता और पति के साथ पिता के घर में ही रहना स्वीकार किया है।यह प्रेम की उच्चस्थिति है ।कहानी पाठकों को अंत तक बांधे रहती है ।अच्छे लेखन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं ।कृपया मेरी रचना प्रकार पढ़कर समीक्षा देकर कृतार्थ करें।
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पिता बेटी के वात्सल्य की अद्भुत कहानी है, जिसमें कुरीतियों व सामाजिक प्रथा की चिंता न करते हुए बेटी ने अपने पिता और पति के साथ पिता के घर में ही रहना स्वीकार किया है।यह प्रेम की उच्चस्थिति है ।कहानी पाठकों को अंत तक बांधे रहती है ।अच्छे लेखन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं ।कृपया मेरी रचना प्रकार पढ़कर समीक्षा देकर कृतार्थ करें।
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