मन थक गया मां शारदे, देख कर संसार तेरा| देख दुर्दशा निज अपनी ,है व्यथित पुत्र यह तेरा || ग्रहण करो विनती मेरी ,डालो मन में डेरा| पाप के घनघोर में ,अब बढ़ रहा अंधेरा | इंसानियत को छोड़ के, विश्वास ...
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मोहम्मदी , लखीमपुर खीरी , उत्तर प्रदेश , भारत |
लेख :-
व्यक्ति के कर्म ही उसके पूर्वजों के संस्कार व्यक्त करते हैं |
,,,,,,,,, मधुकर सिंह चौहान
सारांश
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रिपोर्ट की समस्या
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