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प्रवेश निषेध

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दिमाग में ख़्याल आया की दिल के दरवाज़े पर एक तख़्ती टांग लू कि ये एक शापित जगह है और यहां आशिकों का प्रवेश निषेध है - - - - *** ✍️ जितेन्द्र पाण्डे 'जीत' ...

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लेखक के बारे में
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Pandey Jitendra

नमस्कार ! मैं जितेन्द्र सिगदर पाण्डे " जीत" महेश्वर (महिष्मति) से....! मैंने जीवन में अब तक जो भी लिखा है, अपनी प्रसन्नता और आनंद के लिए लिखा है, लेकिन एक वक़्त ऐसा भी आया , जब मैंने लिखना छोड़ दिया था... लेकिन अब अपनी एक शुभचिंतक के कहने पर मैंने फिर से लिखना शुरू किया है ....और उम्मीद करता हूँ कि उसी प्रसन्नता का अनुभव आप सबके साथ बाँट सकूंगा... "आ दो पल बैठ मेरे पास, कुछ बातें कर ले! वरना तो मौत कबकी, मेरी मुट्ठी में कैद है...।" Insta I'd - pandeyjitendrajeet

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    kuldeep tomer
    30 सितम्बर 2021
    वाह जी वाह क्या बात है यहाँ पर आशिको का प्रवेश वर्जित है परंतु जो दिल मे बैठा आशिक उसका क्या वो तो परेशान हो जायेगा भाई। 👍👍👍👍
  • author
    आशा रानी शरण
    01 अक्टूबर 2021
    वाह बेहद खूबसूरत चार पंक्तियां बहुत सुंदर लिखा आपने लेकिन तक तीन टांगने से कोई रुके तब तो। धन्यवाद खुश रहिए जीत।
  • author
    30 सितम्बर 2021
    बहुत बेहतरीन आइडिया अच्छा हुआ "आशिको " लिख दिख दिया ........ बहुत सारगर्भित 👌👌👌👌
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    kuldeep tomer
    30 सितम्बर 2021
    वाह जी वाह क्या बात है यहाँ पर आशिको का प्रवेश वर्जित है परंतु जो दिल मे बैठा आशिक उसका क्या वो तो परेशान हो जायेगा भाई। 👍👍👍👍
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    आशा रानी शरण
    01 अक्टूबर 2021
    वाह बेहद खूबसूरत चार पंक्तियां बहुत सुंदर लिखा आपने लेकिन तक तीन टांगने से कोई रुके तब तो। धन्यवाद खुश रहिए जीत।
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    30 सितम्बर 2021
    बहुत बेहतरीन आइडिया अच्छा हुआ "आशिको " लिख दिख दिया ........ बहुत सारगर्भित 👌👌👌👌