नमस्कार ! मैं जितेन्द्र सिगदर पाण्डे " जीत" महेश्वर (महिष्मति) से....! मैंने जीवन में अब तक जो भी लिखा है, अपनी प्रसन्नता और आनंद के लिए लिखा है, लेकिन एक वक़्त ऐसा भी आया , जब मैंने लिखना छोड़ दिया था... लेकिन अब अपनी एक शुभचिंतक के कहने पर मैंने फिर से लिखना शुरू किया है ....और उम्मीद करता हूँ कि उसी प्रसन्नता का अनुभव आप सबके साथ बाँट सकूंगा...
"आ दो पल बैठ मेरे पास,
कुछ बातें कर ले!
वरना तो मौत कबकी,
मेरी मुट्ठी में कैद है...।"
Insta I'd - pandeyjitendrajeet
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