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प्रवेश निषेध

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प्रतिलिपि से एक बात संभव हो गई कि जिन विषयों पर कुछ लिखने को हम सोचते हैं और बस सोचते ही राह जाते हैं,उन पर लिखने का अवसर प्रतिलिपी से मिल जाता है जैसे "पड़ोस का घर "एक घर क्या,हर घर की अपनी एक कहानी ...

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लेखक के बारे में
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Neena Bahel
समीक्षा
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  • author
    टिम्पी
    23 फ़रवरी 2022
    समाज का वो पहलू जिसे एक घिनौनी तस्वीर ही कहा जा सकता है. अपने संस्कारों की तरफ़ लौटने की सद्बुद्धि ईश्वर हमें दें.
  • author
    भारती बब्बर
    23 फ़रवरी 2022
    ऐसी कितनी ही कहानियाँ हमें पढ़ने को मिलती हैं!मुझे विश्वास नहीं होता कि ऐसी औलाद भी होती हैं, पर वास्तविकता है कि होती हैं।एक पक्ष और दिखता है मुझे।कहीं माता-पिता से ही पालनपोषण और संस्कार देने में चूक तो नहीं होती?विचार होना चाहिए।कुल मिलाकर दुःखद है।
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    टिम्पी
    23 फ़रवरी 2022
    समाज का वो पहलू जिसे एक घिनौनी तस्वीर ही कहा जा सकता है. अपने संस्कारों की तरफ़ लौटने की सद्बुद्धि ईश्वर हमें दें.
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    भारती बब्बर
    23 फ़रवरी 2022
    ऐसी कितनी ही कहानियाँ हमें पढ़ने को मिलती हैं!मुझे विश्वास नहीं होता कि ऐसी औलाद भी होती हैं, पर वास्तविकता है कि होती हैं।एक पक्ष और दिखता है मुझे।कहीं माता-पिता से ही पालनपोषण और संस्कार देने में चूक तो नहीं होती?विचार होना चाहिए।कुल मिलाकर दुःखद है।