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प्रवंचना

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प्रवंचना -::- इतिहास साक्षी है अपनों की प्रवंचना का। स्वार्थ से प्रेरित प्रवंचकों ने शत्रुओं की सहायता कर स्वयं के विनाश को आमन्त्रित कर लिया। ...

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लेखक के बारे में

भाव और भाषा जीवन के विस्तार हैं, कदम कदम पर जीवन के श्र्ंगार हैं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    आशा रानी शरण
    22 अगस्त 2023
    इतिहास साक्षी है अपनों की प्रवंचना का बहुत सुंदर बहुत बढ़िया लिखा आपने आज के विषय पर सुंदर रचना धन्यवाद सादर नमस्कार।
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    22 अगस्त 2023
    अद्भुत अद्वितीय शैली।महात्म्य सा विवेचन। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।
  • author
    MANJU SHARMA
    22 अगस्त 2023
    बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति 👌👌जय श्री कृष्णा 🌹🙏
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    आशा रानी शरण
    22 अगस्त 2023
    इतिहास साक्षी है अपनों की प्रवंचना का बहुत सुंदर बहुत बढ़िया लिखा आपने आज के विषय पर सुंदर रचना धन्यवाद सादर नमस्कार।
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    22 अगस्त 2023
    अद्भुत अद्वितीय शैली।महात्म्य सा विवेचन। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।
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    MANJU SHARMA
    22 अगस्त 2023
    बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति 👌👌जय श्री कृष्णा 🌹🙏