pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

प्रतिलिपि लेखनी के मई अंक का सम्पादकीय

4.3
468

हाहाकार - धू - धू कर जलता धरती का तन -मन ; सूखा ; चाक - चाक हुआ किसान का कलेजा ; पानी की किल्लत -- आज का परिदृश्य मन में एक साथ कई प्रश्न और दुःख की सृष्टि कर जाता है | सूखा - क्या सिर्फ धरती का सूखा ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

शिक्षा – एम्.ए. ( हिन्दी ) सम्प्रति – कंटेंट एडिटर, प्रतिलिपि कॉमिक्स प्रकाशित पुस्तकें – तिराहा,बेगम हज़रत महल (उपन्यास ) अनतर्मन के द्वीप, पॉर्न स्टार और अन्य कहानियां – कहानी संग्रह कई कवितायें ,कहानियाँ एवं लेख पत्र - पत्रिकाओं और कई ब्लॉग्स पर प्रकाशित।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vijaykant Verma
    13 मार्च 2019
    बहुत सही कहा आपने, पर सबसे ज़रूरी है आज अपनी शिक्षा व्यवस्था में सुधार की..! शिक्षा में अंग्रेजियत के नाम पर लूट, और नैतिकता का पतन देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है..! जब तक देश में हिंदी भाषा में शिक्षा को वरीयता नही दी जायेगी, तब तक देश की सही माने में तरक्की असंभव है..!!
  • author
    Ram Ghildiyal
    24 अगस्त 2020
    आपकी लेखनी मे जादू है । आप हर विषय पर निर्भीक हो कर सच्चाई को वयां करती हैं ।
  • author
    बीनू मिश्रा
    05 फ़रवरी 2018
    समसामयिक लेख से लोगों को जगाने की अच्छी कोशिश
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vijaykant Verma
    13 मार्च 2019
    बहुत सही कहा आपने, पर सबसे ज़रूरी है आज अपनी शिक्षा व्यवस्था में सुधार की..! शिक्षा में अंग्रेजियत के नाम पर लूट, और नैतिकता का पतन देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है..! जब तक देश में हिंदी भाषा में शिक्षा को वरीयता नही दी जायेगी, तब तक देश की सही माने में तरक्की असंभव है..!!
  • author
    Ram Ghildiyal
    24 अगस्त 2020
    आपकी लेखनी मे जादू है । आप हर विषय पर निर्भीक हो कर सच्चाई को वयां करती हैं ।
  • author
    बीनू मिश्रा
    05 फ़रवरी 2018
    समसामयिक लेख से लोगों को जगाने की अच्छी कोशिश