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"#प्रतिलिपि लघुकथा सम्मान 2019"निगरानी"

4.7
3598

" निगरानी "     *********    बेटी गरीब की हो या अमीर की,अनपढ़ या पढ़े-लिखे समाज से, जैसे ही थोड़ी बड़ी हुई ,लोगों की निगाहें बदल जाती हैं ।जैसे संस्कार बोये जाते हैं वैसे व्यवहार हो जाते हैं। ...

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लेखक के बारे में
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प्रीति शर्मा

लिखने का शौक था बचपन में,पर माहौल नहीं। मां का डर शौक पर भारी था।फिरलम्बे अंतराल कुछ रियायत हुई तो कुछ कवितायें,लेख लिखे,लोकल पत्रिकाओं व अखबारों में छपे भी,कार्य गोष्ठी में भी पढाऔर फिर शादी और बीस साल का लम्बा अंतराल। मां की याद में उनके जाने के चार दिन बाद अपनी अभिव्यक्ति कविता के रूप में।अब अपना पेज"कुछ अनकही"पर कभी कभी अभिव्यक्तियां लिख देती हूं।स्कूल में हिंदी प्राध्यापिका हूं। बच्चे पढ़ने वाले हैं तो समय कम ही मिलता है। प्रतिलिपि पर दो साल हो चुके हैं और अब चौदह लाख पाठक संख्या होने वाली है।स्वदेश में"अमर जवान" कहानी प्रथम स्थान पर आई जिसमें नगद पुरस्कार मिला था।" डायरी लेखन अक्टूबर" दूसरा स्थान मिला है। इससे पहले प्रतिलिपि पेन फ्रेंड मैं कई सारी प्रतियोगिताओं में प्रथम,द्वितीय, तृतीय स्थान,निबंध, कविता और कहानियों पर मिले। पिछले वर्ष श श श... हांटैड कैमरा और मानसून कहानियों,कोरोना वारियर के नाम पत्र में भी प्रमाण पत्र मिला,मंथ ऑफ द वीक"माँ"पर और शार्ट स्टोरी आदि रचनायें, पुरस्कृत रचनाओं में शामिल हुईं। प्रतिलिपि ने मेरे लेखन के शौक को पंख दिए इसके लिए प्रतिलिपि का धन्यवाद💐💐💐💐🙏🙏🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    29 સપ્ટેમ્બર 2019
    सामाजिक दुस्विचारो से मुक्ति की जरुरत है जो निगरानी से सम्भव नहीं।बेटी के प्रति कुछ लोगों के दानवी भावों पर की गई आपकी ये रचना अति सराहनीय है।बधाई ।समय मिले तो कुछ मेरी रचनाओं को.पढने का कष्ट करें।धन्यवाद।
  • author
    शैलेश सिंह "शैल"
    03 ઓકટોબર 2019
    एक पेज में ही इतनी बड़ी बात के साथ इतना सार्थक व उम्दा संदेश,,। निम्नलिखित सभी अमूल्य समीक्षाये पढ़ी मैंने,,, वही मैं भी नही दुहराना चाहता।। बस इतना जोड़ूंगा,,, दिल तक छू गई ,और कुछ की आंखे खोल देगी ये रचना,, हम में से कईयों की,, ये तब पता चलता है जब हमारे खुद के सामने कुछ होता है ।। बेहतरीन रचना दीदी।।
  • author
    Neha "🔥🔥"
    11 મે 2021
    दिल छूने वाली रचना "आजकल", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/%E0%A4%86%E0%A4%9C%E0%A4%95%E0%A4%B2-bv2eog3sr87r?utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!
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    29 સપ્ટેમ્બર 2019
    सामाजिक दुस्विचारो से मुक्ति की जरुरत है जो निगरानी से सम्भव नहीं।बेटी के प्रति कुछ लोगों के दानवी भावों पर की गई आपकी ये रचना अति सराहनीय है।बधाई ।समय मिले तो कुछ मेरी रचनाओं को.पढने का कष्ट करें।धन्यवाद।
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    शैलेश सिंह "शैल"
    03 ઓકટોબર 2019
    एक पेज में ही इतनी बड़ी बात के साथ इतना सार्थक व उम्दा संदेश,,। निम्नलिखित सभी अमूल्य समीक्षाये पढ़ी मैंने,,, वही मैं भी नही दुहराना चाहता।। बस इतना जोड़ूंगा,,, दिल तक छू गई ,और कुछ की आंखे खोल देगी ये रचना,, हम में से कईयों की,, ये तब पता चलता है जब हमारे खुद के सामने कुछ होता है ।। बेहतरीन रचना दीदी।।
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    Neha "🔥🔥"
    11 મે 2021
    दिल छूने वाली रचना "आजकल", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/%E0%A4%86%E0%A4%9C%E0%A4%95%E0%A4%B2-bv2eog3sr87r?utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!