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प्रणय प्रतीक्षा ( पोएट्री फेस्टिवल )

4.7
49

प्रीत  पाँखुरी   खाली - खिली  तौ बोली   बोले     कोयलिया      सी । कूहु -कूहु  की  कूक    सुनी    तो चाल      चली     मोरनियाँ     सी ।। पग  पायल    तो बँधी   ना   थी पर  धुन    बाजे   ...

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लेखक के बारे में
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Mamta Yadav

कहानी 'कविताएँ व समाज व देश से जुड़े विषय ही मेरी रचना धर्मिता के माध्यम है ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    B L Yadav
    23 जानेवारी 2021
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति।सयोग-वियोग का मस्त चित्रांकन।
  • author
    Nidhi Sehgal "सेहगल"
    08 नोव्हेंबर 2020
    अनमोल शब्दों के अनमोल सी कविता मुझे तो बहुत अच्छी लगी प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करने के लिए बहुत-बहुत बधाई
  • author
    देवेश जौनपुरी
    21 नोव्हेंबर 2020
    भावनाओं का भहुत ही अद्भुत प्रवाह है आपकी इस कविता में। रचना पूरी तरह सफ़ल रही। नमन है ... 💐
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    B L Yadav
    23 जानेवारी 2021
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति।सयोग-वियोग का मस्त चित्रांकन।
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    Nidhi Sehgal "सेहगल"
    08 नोव्हेंबर 2020
    अनमोल शब्दों के अनमोल सी कविता मुझे तो बहुत अच्छी लगी प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करने के लिए बहुत-बहुत बधाई
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    देवेश जौनपुरी
    21 नोव्हेंबर 2020
    भावनाओं का भहुत ही अद्भुत प्रवाह है आपकी इस कविता में। रचना पूरी तरह सफ़ल रही। नमन है ... 💐