प्रकृति स्पर्श सम्मिलित है मेरी भावनाओ और चाह में : प्रकृति का अदृश्य स्पर्श कितने ही रंग धरती और गगन के सुनहरा नीला अम्बर फूलों की महक चारो दिशाओं में ; गूंजता जब स्वर कलकल नदियों और ताल का ...
प्रकृति स्पर्श सम्मिलित है मेरी भावनाओ और चाह में : प्रकृति का अदृश्य स्पर्श कितने ही रंग धरती और गगन के सुनहरा नीला अम्बर फूलों की महक चारो दिशाओं में ; गूंजता जब स्वर कलकल नदियों और ताल का ...