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पोता बहू

4.6
9329

मानवीय संवेदना पर लिखी एक पारिवारिक रचना।

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लेखक के बारे में
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दिव्या शर्मा

अपनी अनुभूतियों को दिल से निकाल कलम के हवाले कर देती हूं। कुछ एहसास जो छूपे है अनकहे से शब्दों में ढल जाते है मै बस रूह मे बसा लेती हूं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr. Meera Srivastava
    19 जुलाई 2018
    कहानी छोटी और काल्पनिक ही सही पर अच्छाई हमेशा दिल को छू जाती है, समाज को सही रास्ता दिखाने के लिये साधुवाद।
  • author
    शोभा शर्मा
    16 अगस्त 2018
    Nayi पीढ़ी ,bahut achchhi Soch ki सीख देती ये कहानी.congratulation.
  • author
    Adv. Amit Agnihotri
    18 जून 2020
    👌👌👌👌 छोटी सी रचना में बड़ी बात कह गयी आप
  • author
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    Dr. Meera Srivastava
    19 जुलाई 2018
    कहानी छोटी और काल्पनिक ही सही पर अच्छाई हमेशा दिल को छू जाती है, समाज को सही रास्ता दिखाने के लिये साधुवाद।
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    शोभा शर्मा
    16 अगस्त 2018
    Nayi पीढ़ी ,bahut achchhi Soch ki सीख देती ये कहानी.congratulation.
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    Adv. Amit Agnihotri
    18 जून 2020
    👌👌👌👌 छोटी सी रचना में बड़ी बात कह गयी आप