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पोस्टमास्टर

4.3
3280

गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की यह चर्चित कहानी सामान्य से एक गाँव में नवनियुक्त एक पोस्टमास्टर की है जो अब तक कोलकाता महानगर में रहता आया था . शुरू में उसका मन वहाँ नहीं लगता परंतु धीरे-धीरे गाँव ...

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लेखक के बारे में

सुपरिचित साहित्यकार। प्रकाशित पुस्तकों में तीन कहानी-संग्रह 'सिमटती दूरियां', 'एक अकेली' और 'झील में उतरती ठंड'। 'कोई अपना' (लघुकथा संग्रह), खिड़की पर छांह (कविता-संग्रह), मूल बांग्ला से हिंदी अनुवाद के अंतर्गत 'बांग्ला की श्रेष्ठ कहानियाँ', 'पेड़ और मनुष्य' (अमर मित्र की कहानियाँ), 'जेल में तीस वर्ष' (एक क्रांतिकारी की आत्मकथा ), बंगाल की प्रसिद्ध 'महाभारत' का हिन्दी में पहला अनुवाद । साथ ही 'हिमाचल की श्रेष्ठ लघुकथाएँ ' (संपादन) , 'लघुकथा हिमाचल ', ओस (संपादन)! विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानी, लघुकथा, व्यंग्य, बाल-साहित्य, पंजाबी और बांग्ला से अनुवाद, संस्मरण, पर्यटन, लेखादि प्रकाशित और निरंतर लेखन में सक्रिय हैं! संपर्क- [email protected]

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    santosh soni
    26 जुलाई 2017
    मन में गहरी छाप छोड़ता है कहानी का अंत| अनुवाद उम्दा है |
  • author
    aslam
    20 सितम्बर 2017
    best story. ..
  • author
    साहित्य सृजन
    25 जुलाई 2017
    प्रभावशाली कहानी
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    santosh soni
    26 जुलाई 2017
    मन में गहरी छाप छोड़ता है कहानी का अंत| अनुवाद उम्दा है |
  • author
    aslam
    20 सितम्बर 2017
    best story. ..
  • author
    साहित्य सृजन
    25 जुलाई 2017
    प्रभावशाली कहानी