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पहले प्यार का पोस्टमार्टम

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हमारे ज़माने के सारे लौंडो की एक ख़ास बात होती थी स्कूल के पहले दिन ही डिसाइड हो जाता था कि-: "नीले सूट वाली तुमाई.. काली जैकेट वाली हमाई...!!" ‎ उसके बाद कोई किसी की वाली पे बुरी नज़र नहीं ...

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लेखक के बारे में
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सौरभ सोनी

हमारे बारे में छोड़िए.. जानकर भी क्या करेंगे, छोटा आदमी हूँ साहब, लंबा-चौड़ा बायो नहीं है लिखने के लिए.. हाँ, इतना जरूर कहूँगा कि आप मेरे प्रोफाइल पे कहानियां पढ़ने आये हैं, शौक से पढ़िए, अच्छी-बुरी जैसी भी लगें, उस बारे में कमेंट करके अपने अनुभव को भी सांझा कीजिये.. इससे मुझे प्रोत्साहन मिलेगा और कमियों को दूर करने के लिए सुझाव भी.. लेकिन गलती से भी ये "स्टीकर या सिक्कों की भीख" मत दीजिए, लेखन मेरा शौक है, कमाई का जरिया नहीं.. इसलिए सिक्के देकर मनोबल ना गिराएं.. बल्कि कमेंट में अपनी राय देकर प्रोत्साहित करें...!!! धन्यवादम...!!!

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Devam Patel "आदर्श"
    06 मई 2018
    *कछु न रक्खो लौंडियाबाजी में मजा आ गया भाई जी*
  • author
    11 जुलाई 2018
    सोरभ जी इसका अगला अध्याय भी आएगा क्या? बहुत अच्छी शब्द रचना
  • author
    Neeta Jha
    16 जनवरी 2019
    लवस्टोरी तो लवस्टोरी है।खास है इसके लिखने का अंदाज !जो दिल को भा गया।बहुत खूब सौरभ जी ।आपकी अगली रचना की प्रतीक्ष रहेगी।.
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    Devam Patel "आदर्श"
    06 मई 2018
    *कछु न रक्खो लौंडियाबाजी में मजा आ गया भाई जी*
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    11 जुलाई 2018
    सोरभ जी इसका अगला अध्याय भी आएगा क्या? बहुत अच्छी शब्द रचना
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    Neeta Jha
    16 जनवरी 2019
    लवस्टोरी तो लवस्टोरी है।खास है इसके लिखने का अंदाज !जो दिल को भा गया।बहुत खूब सौरभ जी ।आपकी अगली रचना की प्रतीक्ष रहेगी।.