लोकोक्ति पर आधारित लघुकथा : पूत सपूत तो क्यों धन संचय, पूत कपूत तो क्यों धन संचय ! नितिन बाबू शाम के समय दरवाजे पर बैठे चाय पी रहे थे तो देखा उनके बड़े भैया विपिन बाबू और भाभी रिक्शा से चले आ रहे हैं ...
लोकोक्ति पर आधारित लघुकथा : पूत सपूत तो क्यों धन संचय, पूत कपूत तो क्यों धन संचय ! नितिन बाबू शाम के समय दरवाजे पर बैठे चाय पी रहे थे तो देखा उनके बड़े भैया विपिन बाबू और भाभी रिक्शा से चले आ रहे हैं ...