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पूर्ण विराम

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मानव न कभी तू रूकना जीवन  में थक कर, मिलेगी पथिक मंज़िल काँटों पर ही चलकर। कराये जीवन में बोध समापन का  है रूकना, ऊँचे आसमान केलिए उड़ने को तैयार रहना। थमने में नहीं है तेरी कभी होगी देखिए जीत, विजय ...

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लेखक के बारे में
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Navneet Gill

Principal in CBSE School. My educational qualifications M.A( Hist.Pol.sci.) B.ed.M.ed.LL.B. I Love humanity my motto is "Work is worship ".

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    निरंजना जैन
    02 అక్టోబరు 2021
    बहुत ही शानदार सृजन।👍👍👍👌👌👏🌺😊🙏
  • author
    Bela Goenka
    02 అక్టోబరు 2021
    एक प्रेरणादायी रचना
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    निरंजना जैन
    02 అక్టోబరు 2021
    बहुत ही शानदार सृजन।👍👍👍👌👌👏🌺😊🙏
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    Bela Goenka
    02 అక్టోబరు 2021
    एक प्रेरणादायी रचना