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पूरा हक है तेरा मुझ पर

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पूरा हक है तेरा मुझ पर, तु खूब जताया कर। मैं न पूंछूं तो भी तू, मुझे हर बात बताया कर।। हर बात बताया कर , क्योंकि तू जान हमारी है। सारी खुशियां तुझपे वारूँ, तू इतनी  प्यारी है।। तू कितनी प्यारी ...

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लेखक के बारे में

मैं लेखक तो बिल्कुल भी नहीं हूं, लेकिन एक विचारक अवश्य हूँ। मेरे सामने होने वाली घटनाओं को विचारों में और फिर उन विचारों को कभी कहानी या कभी लेखों में परिवर्तित कर प्रतिलिपी पर प्रकाशित करने का दुस्साहस करता हूँ। पाठक के और मेरे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, उन मतभेदों को मेरे सामने रखने के लिए और दूर करने के लिए "रेटिंग और टिप्पणी" कर सकते हैं। आपकी दी हुई प्रत्येक सलाह स्वीकार है। नकारात्मक टिप्पणीयों से सीखना भी मुझे आता है बशर्ते टिप्पणी तार्किक हो। अगर मेरे लिखे हुए लेखों से एक भी व्यक्ति खुद में कुछ बदलाव ला पाता है तो ये मेरी विचारों की विजय होगी। शायद प्रतिदिन लिखना सम्भव न हो लेकिन प्रत्येक सप्ताह लिखने का प्रयास अवश्य करूँगा। अपना बहुमूल्य समय देकर मेरे बारे में पढ़ने के लिए आपका साधुवाद!

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    सुनहरी
    23 ജൂലൈ 2020
    wahhhh
  • author
    R.K shrivastava
    01 ജൂലൈ 2020
    सुंदर रचना !!👌👌👌
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    सुनहरी
    23 ജൂലൈ 2020
    wahhhh
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    R.K shrivastava
    01 ജൂലൈ 2020
    सुंदर रचना !!👌👌👌