कर्म और पुरुषार्थ जीवन का यही अर्थ पल भी ना जाए व्यर्थ सदा इसका ध्यान रहा !! निराभिमानी जीवन प्रभु भक्ति में तन -मन प्राणीमात्र की सेवा सर्वप्रथम काम रहा !! देश भक्ति जीवन का लक्ष्य लेखन कला ...
स्नेह,सौम्यभाव,उदारता से भरे सुंदर छायाचित्र के साथ,पूज्य नन्ना जी की 101वीं जन्म जयंती पर सादर प्रस्तुत आपके शब्द सुमन, श्रद्धा,सम्मान, गौरव,आदर,स्नेह से ओतप्रोत हैं। अपने बड़ों के प्रति लिखे गए प्रेम से परिपूर्ण स्मृतियों की अप्रतिम रचना। उन पुण्य आत्मा को शत शत नमन...💐🙏
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