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पोंगा पण्डित

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😀🥳 *पोंगा पंडित* 🥳😀                  ( हास परिहास कथाएँ )          एक थे पोंगा पंडित । दुबला पतला और बांस जैसा लंबा शरीर । घुटे हुए सिर पर एक लंबी चोटी जिसमें अच्छी तरह गांठ लगी रहती ।  शरीर पर ...

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लेखक के बारे में
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Dr. Ranjana Verma

मेरा परिचय - नाम - डॉ. रंजना वर्मा जन्म - 15 जनवरी 1952, जौनपुर (उ0 प्र0 ) में । शिक्षा- एम. ए. (संस्कृत, प्राचीन इतिहास ) पी0 एच0 डी0 (संस्कृत) लेखन एवम् प्रकाशन - वर्ष 1967 से देश की लब्ध प्रतिष्ठ पत्र पत्रिकाओं में , हिंदी की लगभग सभी विधाओं में । कुछ रचनाएँ उर्दू में भी प्रकाशित । प्रकाशित कृतियाँ - सावन, समर्पिता, कैकेयी का मनस्ताप, वेदेही व्यथा, संविधान निर्माता , द्रुपद सुता ( सभी खण्ड काव्य ), चन्द्रमा की गोद में ( बाल उपन्यास ), समृद्धि का रहस्य , जादुई पहाड़ ( बाल कथा सन्ग्रह )। जज़्बात , ख्वाहिशें , एहसास , प्यास , रंगे उल्फ़त , गुंचा , रौशनी के दिए , खुशबू रातरानी की , ख़्वाब अनछुए (सभी ग़ज़ल संग्रह )। गीतिका गुंजन , सरगम साँसों की , रजनीगन्धा ( गीतिका संग्रह ) , सत्यनारायण कथा ( पद्यानुवाद ) । मुक्तक मुक्ता , मुक्तकांजलि , मन के मनके ( मुक्तकों का संग्रह ) । दोहा सप्तशती , दोहा मंजरी । बसंत के फूल (कुंडलिया संग्रह ) साँझ सुरमई , आ जा मेरे मीत , मीत के गीत , गीत धारा , गीत गुंजन ( गीत संग्रह) एक हवेली नौ अफ़साने, अमला , रास्ते प्यार के ( उपन्यास )।सूर्यास्त (कहानी संग्रह) प्रसारण - गीत, वार्ता, तथा कहानियों का आकाशवाणी, फैज़ाबाद से समय समय पर प्रसारण ।

समीक्षा
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  • author
    RAHUL AGRAWAL
    13 നവംബര്‍ 2020
    अच्छी रचना पर नाम थोड़ा .........
  • author
    30 ആഗസ്റ്റ്‌ 2021
    पंडित सरल और ग्यानी होता है वह पोगा नही होता आप जैसे लोग आरक्षण की कृपा से डिग्री प्राप्त करने वाले सिर्फ दुसरे का उपहास ही कर सकते है,अपने कर्म का निर्वहन न करके सिर्फ दुसरे की काल्पनिक कहानियो के द्वारा उपहास करके अपना समय और व्यकतित्व नष्ट करते है
  • author
    Divya Jha
    15 മാര്‍ച്ച് 2021
    story bahut hi sunder hai aur kafi majedaar hai.
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    RAHUL AGRAWAL
    13 നവംബര്‍ 2020
    अच्छी रचना पर नाम थोड़ा .........
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    30 ആഗസ്റ്റ്‌ 2021
    पंडित सरल और ग्यानी होता है वह पोगा नही होता आप जैसे लोग आरक्षण की कृपा से डिग्री प्राप्त करने वाले सिर्फ दुसरे का उपहास ही कर सकते है,अपने कर्म का निर्वहन न करके सिर्फ दुसरे की काल्पनिक कहानियो के द्वारा उपहास करके अपना समय और व्यकतित्व नष्ट करते है
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    Divya Jha
    15 മാര്‍ച്ച് 2021
    story bahut hi sunder hai aur kafi majedaar hai.