pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

सुकून

4.5
53

प्रेम

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

कोई लेखक नही हूँ पाठक हूँ ,श्रोता हूँ । बस लफ्जो को इकठ्ठा करने की छोटी सी कोशिश है,,, लेखन से आत्मविश्वास बढ़ता है आप कलात्मक रूप से विकसित होते हैं ,भावनाओं की अभिव्यक्ति का शव्दों में समावेश अत्यंत जटिल कार्य है इस जटिलता से अवगत होने का शौक है हमे।🙏🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    31 मई 2020
    बहुत सुन्दर रचना है।बेहद अच्छा लगा पढ़ कर 🙏🙏🙏🙏परस्पर विचार और समीक्षायें आदान प्रदान करते रहियेगा।और अपनी बेहतरी की खुश्बू से दूसरों के शब्द भी महकाते रहियेगा।नमस्कार विनिता जी🙏🙏🙏🙏
  • author
    baldev singh verma verma
    22 अगस्त 2021
    खूब सूरत रचना लिखी है आपने जी।👏👏👏👌👌👌👌🌷🌷🌷🌷
  • author
    V!$#@|_ जी...❣️😊
    14 अप्रैल 2020
    बहुत सुकून हैं आपके लेख में भी बहुत शानदार प्रस्तुति
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    31 मई 2020
    बहुत सुन्दर रचना है।बेहद अच्छा लगा पढ़ कर 🙏🙏🙏🙏परस्पर विचार और समीक्षायें आदान प्रदान करते रहियेगा।और अपनी बेहतरी की खुश्बू से दूसरों के शब्द भी महकाते रहियेगा।नमस्कार विनिता जी🙏🙏🙏🙏
  • author
    baldev singh verma verma
    22 अगस्त 2021
    खूब सूरत रचना लिखी है आपने जी।👏👏👏👌👌👌👌🌷🌷🌷🌷
  • author
    V!$#@|_ जी...❣️😊
    14 अप्रैल 2020
    बहुत सुकून हैं आपके लेख में भी बहुत शानदार प्रस्तुति