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POEM - बहाने बना लो

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06.05.2020 , 08:40PM, WEDNESDAY Poem - बहाने बना लो..... कभी हुस्न को देख मुस्कुरा लो. किसी रोज़ दिल मेरा चुरा लो. कभी प्यार में गुम होकर देखो, ख़्वाब कोई सुनहरा सजा लो. चाँद सी सूरत बेकाबू करे ...

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लेखक के बारे में

शब्दों और लफ़्ज़ों की दुनियां में सुकून ढूंढ़ता एक परिंदा.. कृपया मेरी सभी रचनाओं को पढ़कर समीक्षा दें और त्रुटि भी बताएं जिससे मैं अपनी लेखनी में सुधार ला सकूँ. तेरी मोहब्बत किराए के मकान जैसी "उड़ता" ,तमाम उम्र सहेजी मगर अपनी ना हो सकी... शीशे ने टूट कर अपनी कशिश बता दी "उड़ता ", मगर हम तो रहे पत्थर से जो टूटने के भी काबिल नहीं... सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता ",झज्जर (हरियाणा )

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    Seema Saini
    07 मई 2020
    अच्छी है
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    Seema Saini
    07 मई 2020
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