pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

POEM - बचपन नहीं छूटा

5
5

09.05.2020 SATURDAY 09:00PM Poem - बचपन नहीं छूटा शरारतों भरा लड़कपन नहीं छूटा दोस्तों के संग अंजुमन^ नहीं छूटा. (सभा,महफ़िल) याद-पुलिंदा मनभावन नहीं छूटा. कागज-कश्ती वाला सावन छूटा. हम तो बड़े हो ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

शब्दों और लफ़्ज़ों की दुनियां में सुकून ढूंढ़ता एक परिंदा.. कृपया मेरी सभी रचनाओं को पढ़कर समीक्षा दें और त्रुटि भी बताएं जिससे मैं अपनी लेखनी में सुधार ला सकूँ. तेरी मोहब्बत किराए के मकान जैसी "उड़ता" ,तमाम उम्र सहेजी मगर अपनी ना हो सकी... शीशे ने टूट कर अपनी कशिश बता दी "उड़ता ", मगर हम तो रहे पत्थर से जो टूटने के भी काबिल नहीं... सुरेंद्र सैनी बवानीवाल "उड़ता ",झज्जर (हरियाणा )

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Seema Saini
    11 मई 2020
    great
  • author
    अंजली सिंह
    10 मई 2020
    👌
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Seema Saini
    11 मई 2020
    great
  • author
    अंजली सिंह
    10 मई 2020
    👌