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!!..पिया तेरा वो गाँव...!!

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सुनो,, छु जाती अमरूद के पेड़ की ठंडी ठंडी छांव..!! आज भी ख्वाबों में आता पिया तेरा वो गाँव...!! वो अमरुद कुछ कच्चा सा कुछ पक्का सा था.. प्यार का भी पहला स्वाद हमने वही चखा था.. वो गाँव की तपती ...

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लेखक के बारे में

𝙲𝚘𝚖𝚒𝚗𝚐 𝚂𝚘𝚘𝚗.....🕊️🕊️

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    मनोज चौकीकर
    24 फ़रवरी 2022
    हर पंक्तियों में खुबसूरत एहसास झलकता है। उन्हीं लम्हों में जीने के लिए दिल मचलता है।। हम बड़े ही क्यों हुए बचपन ही खुशनुमा था। जिंदगी रही ही कहाँ,अब तो दिन भर ढलता है।।
  • author
    बलजीत कौर
    25 फ़रवरी 2022
    यूं ही कुछ लिखते लिखते भी बहुत बहुत ही खूबसूरत कविता लिख दी है आपने ....... बहुत ही खूबसूरत शानदार पंक्तियां.. 💐💐💐💐👏👏👏👏👏💓💓💓💓💓💓💓
  • author
    24 फ़रवरी 2022
    अमरूद के मीठी जेली की चाशनी में पकी हुई सुंदर आपकी प्यारी रचना.. लाजवाब बेहतरीन मदहोश कर गई..👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼🌟🌟🌹🌹🌹❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️👌👌👌🍫🍫🍫🍫🍫
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    मनोज चौकीकर
    24 फ़रवरी 2022
    हर पंक्तियों में खुबसूरत एहसास झलकता है। उन्हीं लम्हों में जीने के लिए दिल मचलता है।। हम बड़े ही क्यों हुए बचपन ही खुशनुमा था। जिंदगी रही ही कहाँ,अब तो दिन भर ढलता है।।
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    बलजीत कौर
    25 फ़रवरी 2022
    यूं ही कुछ लिखते लिखते भी बहुत बहुत ही खूबसूरत कविता लिख दी है आपने ....... बहुत ही खूबसूरत शानदार पंक्तियां.. 💐💐💐💐👏👏👏👏👏💓💓💓💓💓💓💓
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    24 फ़रवरी 2022
    अमरूद के मीठी जेली की चाशनी में पकी हुई सुंदर आपकी प्यारी रचना.. लाजवाब बेहतरीन मदहोश कर गई..👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼🌟🌟🌹🌹🌹❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️👌👌👌🍫🍫🍫🍫🍫