pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

पिता अपने बेटे के लिए...✍️🌷✏️🎯

5
7

पिता ने अपने बेटे के लिए मन ही मन कहा तुम कितना जागते हो कब और क्या देखते हो वाखिव हूं तुम्हारे हर कदमो से... बस उम्र की दहलीज से अपनी मर्यादा में बंधा हूं तुम आजाद हो अपनी मर्जी से लाखो की बाइक ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

कलम कहे बहुत कुछ...✍️🌱🌹

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    🙏🙏 🙏🙏
    20 ಮಾರ್ಚ್ 2022
    अद्भुत रचना आज की दुनिया की सच्चाई है यही, बहुत कम लोग होते हैं जो मां-बाप से दिल से प्यार करते हैं बाकी सारे तो बोझ समझते हैं मां-बाप को😌😌😌😌😌
  • author
    Ankur
    20 ಮಾರ್ಚ್ 2022
    एक पिता के मन के भावों को बहुत ही बहतरीन ढ़ग से लिखा है आपने 👌👌👌👌👌👌
  • author
    # 𝕄𝕚𝕟𝕚 🌼
    20 ಮಾರ್ಚ್ 2022
    वास्तविक बात है 😊👌 लाजवाब रचना है 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    🙏🙏 🙏🙏
    20 ಮಾರ್ಚ್ 2022
    अद्भुत रचना आज की दुनिया की सच्चाई है यही, बहुत कम लोग होते हैं जो मां-बाप से दिल से प्यार करते हैं बाकी सारे तो बोझ समझते हैं मां-बाप को😌😌😌😌😌
  • author
    Ankur
    20 ಮಾರ್ಚ್ 2022
    एक पिता के मन के भावों को बहुत ही बहतरीन ढ़ग से लिखा है आपने 👌👌👌👌👌👌
  • author
    # 𝕄𝕚𝕟𝕚 🌼
    20 ಮಾರ್ಚ್ 2022
    वास्तविक बात है 😊👌 लाजवाब रचना है 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌