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पिंजर ( फ़िल्म समीक्षा )

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पिंजर ( फ़िल्म समीक्षा ) अमृता प्रीतम की सशक्त लेखनी से प्रवाहित भारत विभाजन के समय की स्थिति का सजीव चित्रण प्रस्तुत करता उपन्यास 'पिंजर'  अब तक विभिन्न भाषाओं में अनुवादित हो जन सामान्य के बीच ...

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लेखक के बारे में
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Khyati

जब जिंदगी और जिंदगी से जुड़े लोग सवाल बन कर खड़े होते हैं ,तब मेरे जवाब मेरी कविता और कहानी के रूप में अभिव्यक्ति पाते हैं ....

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    swati Kurre "Prgya"
    29 नवम्बर 2020
    पूरी फ़िल्म की समीक्षा आपने जीवंत रूप में उकेरा है ।।बेहतरीन ढंग से नारी के ऊपर होते रहे अत्याचारों को लेखिका अमृता प्रीतम जी ने प्रस्तुत किया कहानी के अंत का डाइलॉग , वो हर इंसान की रूह हिला देने वाली थी !👌👌लिखते रहिये ऐसी कहानियां आज के दौर के युवाओं के लिए भी सबक सिखाने में मददगार होती हैं ।
  • author
    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    22 नवम्बर 2020
    बहुत खूबसूरत समीक्षा लिखी है आपने । लाजवाब प्रस्तुति । 👌👌👌👌
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    swati Kurre "Prgya"
    29 नवम्बर 2020
    पूरी फ़िल्म की समीक्षा आपने जीवंत रूप में उकेरा है ।।बेहतरीन ढंग से नारी के ऊपर होते रहे अत्याचारों को लेखिका अमृता प्रीतम जी ने प्रस्तुत किया कहानी के अंत का डाइलॉग , वो हर इंसान की रूह हिला देने वाली थी !👌👌लिखते रहिये ऐसी कहानियां आज के दौर के युवाओं के लिए भी सबक सिखाने में मददगार होती हैं ।
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    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    22 नवम्बर 2020
    बहुत खूबसूरत समीक्षा लिखी है आपने । लाजवाब प्रस्तुति । 👌👌👌👌