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पीहू

4.7
43

एकाकी पन ,लाक डाउन और पिजड़े मे कैद तोता प्यार से पीहू कहते थे हम घर भर सबसे तो सामान्य रहता था पर मेरा उसका छत्तीत का आंकडा़ था । इथर आफिस तो है नहीं सो पिजंड़ा धोने और खुद स्नान सारी सेवा मेरी और ...

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लेखक के बारे में
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upendra kumar singh

मैं उपेन्द्र कुमार सिंह स्नातक वर्तमान सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारी हिन्दी पढने मे रुचि तथा कुछ लिखने का प्रयास के कारण प्रति लिपि मंच से जुड़ा

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    निशा शर्मा
    07 जून 2020
    बहुत बढ़ियां सर जी👌🙏🙏👍
  • author
    Happy {vani} Rajput
    07 जून 2020
    सुंदर चित्रण👌👌🙏🙏 इस पर भी अपने विचार प्रकट करें... "क्या ये सब मुझे सुन सकते हैं...", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/क्या-ये-सब-मुझे-सुन-सकते-हैं-mbixgrqhf0gd?utm_source=android
  • author
    Dr Sushil Chandra Gupta "Gupta"
    29 अक्टूबर 2021
    सुंदर कहानी। तोता जैसा छोटा सा जीव भी प्यार की भाषा समझता है इसीलिए पिंजरे से मुक्त होकर भी बाप आ जाता है। बधाई
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    निशा शर्मा
    07 जून 2020
    बहुत बढ़ियां सर जी👌🙏🙏👍
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    Happy {vani} Rajput
    07 जून 2020
    सुंदर चित्रण👌👌🙏🙏 इस पर भी अपने विचार प्रकट करें... "क्या ये सब मुझे सुन सकते हैं...", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/क्या-ये-सब-मुझे-सुन-सकते-हैं-mbixgrqhf0gd?utm_source=android
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    Dr Sushil Chandra Gupta "Gupta"
    29 अक्टूबर 2021
    सुंदर कहानी। तोता जैसा छोटा सा जीव भी प्यार की भाषा समझता है इसीलिए पिंजरे से मुक्त होकर भी बाप आ जाता है। बधाई