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परफेक्ट?

3.5
348

आखिर ट्रैफिक को हरा कर अनुराधा और रोहन थोड़ा लेट ही सही पर शादी में पहुंच ही गए। अनुराधा और रोहन कॉलेज से साथ में थे।१० साल के प्यार के बाद घरवालों की रजामंदी से दोनों ने इस रिश्ते को एक नाम भी ...

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लेखक के बारे में
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akanksha pandey

जज़्बात जो दफ्न हैं, सीने में मेरे। लफ्ज़ दे दू इन्हे खुद दफ्न होने से पहले।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    15 सितम्बर 2020
    सुंदर चित्रण, पर क्षमाप्रार्थी हूँ, कुछ अधूरा सा लगा। जैसे कि, कहानी अभी बाकी है या व्यथा अभी अधूरी है।
  • author
    डॉ. प्रवीण पंकज
    04 सितम्बर 2019
    कथानक,भाव शिल्प,संवाद-योजना सबकुछ बहुत बढ़िया।लिखती रहें,प्रतिलिपि पर समीक्षक धीरे-धीरे बढ़ते हैं।बहुत बहुत बधाई।
  • author
    Anil Pateriya Pateriya
    13 अक्टूबर 2020
    Ati sundar ji
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    15 सितम्बर 2020
    सुंदर चित्रण, पर क्षमाप्रार्थी हूँ, कुछ अधूरा सा लगा। जैसे कि, कहानी अभी बाकी है या व्यथा अभी अधूरी है।
  • author
    डॉ. प्रवीण पंकज
    04 सितम्बर 2019
    कथानक,भाव शिल्प,संवाद-योजना सबकुछ बहुत बढ़िया।लिखती रहें,प्रतिलिपि पर समीक्षक धीरे-धीरे बढ़ते हैं।बहुत बहुत बधाई।
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    Anil Pateriya Pateriya
    13 अक्टूबर 2020
    Ati sundar ji