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डाकिये ने आवाज लगाई तो जोधाराम का बेटा बाहर निकला तो देखा डाकिया दरवाजे पर खड़ा है। उसने पूछा तो पता चला कि डाकिया कुछ कागजात लेकर आया है। जोधाराम के बेटे का नाम मोडूराम था जो पढ़ा-लिखा भी नहीं था ...

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लेखक के बारे में
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मनोज चारण

हिन्दी और राजस्थानी में कविता, कहानी, निबन्ध, यात्रा वृतांत, समीक्षा सहित सभी विधाओं में लेखन का प्रयास

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    aniketmadhusudan patel "Patel"
    18 सितम्बर 2021
    सरकारी काम की लेट लतीफी का किस्सा है 😀 😀
  • author
    21 मार्च 2018
    संक्षेप में बहुत कुछ कहने वाली कहानी .
  • author
    Kailash choudhary
    11 जून 2018
    Jai jai Rajasthan
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    aniketmadhusudan patel "Patel"
    18 सितम्बर 2021
    सरकारी काम की लेट लतीफी का किस्सा है 😀 😀
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    21 मार्च 2018
    संक्षेप में बहुत कुछ कहने वाली कहानी .
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    Kailash choudhary
    11 जून 2018
    Jai jai Rajasthan